These are my thoughts.....Some old, some new, some written before...there are some perhaps that never will be put to paper....
Sunday, October 26, 2014
Diwali
इस बरस दिवाली के दियों संग कुछ ख़त भी जल गये कुछ यादों की लौ कम हुई कुछ रिश्ते बुझ गये भूले बंधनों के चिरागों तले अँधेरे जो थे वो मिट गये बनके बाती जब जले वो रैन भर सारे शिकवे जो थे संग ख़ाक हो गये
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