Friday, September 07, 2012

Yaadein



कुछ  यादें  एक  खलिश  सी  होती  हैं 
बरसों  दिल  में  सुलघ्ती  रहतीं   हैं
दबती  छुपती  तो  हैं  मगर  दहकती  रहतीं  हैं
बीतते  सालों  का  मरहम  पा  के  भी  दर्द  देती  हैं 

गुज़रा  वक़्त  सब  कुछ  भुला  नहीं  देता 
मन  में  बसा  चेहरा  धुन्दला  नहीं  देता
तेरी  मुस्कान  दिल   में  अभी  भी  गूंजती  हैं
ये पलकें  आज  भी  तुम  को  ढूँढती  हैं
तुम्हे  याद  कर  यह  आँखें  दो  बूँद  और  रो  देती  है

नहीं  लिखा  था  शायद  साथ   तुम्हारा 
होगी किसी  खुदा  की मर्ज़ी  पर  हमें  नहीं  है  गवारा 
गलती  तो  खुदा  से  भी  होती है
यादें      कर  बस  येही  सदा  देती  हैं

2 comments:

Anonymous said...
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