Thursday, March 13, 2014

पहल (A Fresh Start)



खुद से कुछ कम नाराज़ रहने लगा हूँ

ऐब तो खूब गिन चुका खूबियाँ अपनी अब गिनने लगा हूँ मैं

आजकल एक नयी सी धुन में लगा हूँ

अपने ख्यालों को अल्फाजों में बुनने लगा हूँ मैं

गैरों के नगमे गुनगुनाना छोड़ रहा हूँ 

अब बस अपने ही गीत लिखने चला हूँ मैं

कुछ अपने से रंग तस्वीर में भरने लगा हूँ

आम से अलग एक पहचान बनाने चला हूँ मैं

अंजाम से बेफिक्र एक पहल करने चला हूँ

अपने अन्दर की आवाज़ को ही अपना खुदा मानने लगा हूँ मैं

खुद से कुछ कम नाराज़ रहने लगा हूँ

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